चूहे ने की शेर की मदद
शेर और चूहा 🐅🐁
एक बार एक शेर अपनी गुफा में सो रहा था, तभी एक चूहा कहीं से आकार शेर के ऊपर कुदने लगा l गहरी नींद में सोया हुआ शेर चूहे की उछल कूद से परेशान होकर नींद से अचानक जाग जाता है। इस समय शेर बहुत गुस्से में होता है शेर अचानक से झपट कर चूहे को अपने पंजे में जकड़ लेता है। शेर बड़े ही गुस्से में उस चूहे से कहता है तुमने मेरी नींद खराब कर दी मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा मैं तुम्हें चबाकर खा जाऊंगा। बस इतना सुन कर के चूहा बोलता है महाराज-महाराज मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई मुझे क्षमा कर दीजिए मैं आपको कभी परेशान नहीं करूंगा मुझे जाने दीजिए। महाराज में छोटा सा जीव हूं मुझसे आपकी भूख नहीं मिटेगी मुझे छोड़ दीजिए मैं एक दिन आपके जरूर कुछ काम आऊंगा।
चूहे की यह बात सुनकर शेर को बड़ी हंसी आती है और शेर चूहे से कहता है तुम एक छोटे से जीव हो भला मेरे क्या काम आओगे। खैर आज तो मैं तुम्हें जाने देता हूं लेकिन याद रहे आगे से ऐसी गलती माफ नहीं की जाएगी। यह कहकर के शेर चूहे को छोड़ देता है। जिससे चूहा अपनी जान बचा कर के भाग जाता है। एक दिन जंगल में शेर का शिकार करने के लिए कुछ शिकारी आए हुए थे। शेर शिकारियों के द्वारा बिछाए गए उनके जाल में बुरी तरह से फंस जाता है।शेर अपने ताकतवर पंजों का उपयोग करके उस जाल से निकलने की खूब कोशिश करता है मगर शेर उस जाल से नहीं निकल पाता है। जिससे शेर थक हार कर बैठ जाता है।
कुछ देर बाद पास में एक चूहा दौड़ा-दौड़ा आता है। और चूहा शेर से कहता है महाराज आप चिंता ना करें मैं इस जाल को अपने दांतो से अभी काट कर आप को आजाद कर देता हूं। यह सब कहने के तुरंत बाद चूहा जाल को काटना शुरू कर देता है। एक एक कर के चूहा कुछ ही देर में पूरे जाल को काट देता है। जिससे शेर आजाद हो जाता है। फिर शेर ने चूहे का बहुत धन्यवाद किया l उस दिन शेर को समझ आया की किसी भी प्राणि की काबिलियत उसके भारी रूप से नहीं लगानी चाहिए और कभी छोटे बड़े का भेदभाव नहीं करना चाहिए l हमेशा सबकी मदद करनी चाहिए क्योंकि जो दुसरो की मदद करता है उसकी सब मदद करते हैं इसके साथ ही शेर और चूहा गहरे दोस्त बन जाते है।.....
शिक्षा-
बच्चों ... शेर और चूहे की कहानी से हमें ये सिख मिलती है कि हमेशा दूसरो की मदद करनी चाहिए तथा किसी को भी अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए l
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